स्वास्थ्य क्या है ?

 स्वस्थ हम उसे कहते हैं जिसे मानसिक  एवं शारीरिक रोग न हो | अगर आपसे कोई पूछे कि आप कैसे हो तो आप कहते हो कि मैं अच्छा हूँ  या बढ़िया हूँ | पर तब जब हम शरीर में स्फूर्ति अनुभव करते हैं , मन शांत होता है और शरीर दिमाग के निर्देशों का सही रूप से पालन करता है | ऐसा करने के लिए हमारा मस्तिष्क


बिलकुल ठीक होना चाहिए और सभी शारीरिक अंग भी विकारमुक्त होने चाहिए | 

हम सभी जानते हैं कि हमारा शरीर सेल्स से  मिलकर बना होता है  | सेल्स हमारा शरीर की सबसे छोटी और आधारभूत इकाई है जैसे मकान के लिए ईंट | 
आयुर्वेद के प्रसिद्ध ग्रंथ सुश्रुत संहिता में ऋषि ने लिखा है-
 
समदोषाः समाग्निश्च समधातुमलक्रियः।
प्रसन्नात्मेन्द्रियमनः स्वस्थ इत्यभिधीयते॥
 
अर्थात्‌ जिसके तीनों दोष (वात, पित्त एवं कफ) समान हों, जठराग्नि सम (न अधिक तीव्र,न अति मन्द) हो, शरीर को धारण करने वाली सात धातुएं (रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और वीर्य) उचित अनुपात में हों, मल-मूत्र की क्रियाएं  भली प्रकार होती हों और दसों इन्द्रियां (आंख, कान, नाक, त्वचा, रसना, हाथ, पैर, जिह्वा, गुदा और उपस्थ), मन और सबकी स्वामी आत्मा भी प्रसन्न हो, तो ऐसे व्यक्ति को स्वस्थ कहा जाता है। साधारण शब्दों में हम कह सकते हैं कि ऐसा व्यक्ति जिसे कोई रोग न हो चाहे शारीरिक हो या मानसिक | उसे हम स्वस्थ कहते हैं | जब हमारा शरीर और मन दोनों स्वस्थ होते हैं तब स्वयं ही हमारे मुख पर एक मधुर मुस्कान तथा हमारे चेहरे में अलग ही तेज़ महसूस होता है | वास्तव में होंटो की मुस्कान और चेहरे की चमक देखकर दूसरे व्यक्ति को पता चलता है कि हम स्वस्थ हैं या नहीं | यह बात हममे से कई लोगो ने अनुभव भी की होगी और इस काम में महारत हमारी माताओं को प्राप्त है | कैसा रहे कि आपको देखके सामने वाला व्यक्ति प्रसन्न हो जाये | ऐसी ख़ुशी का अनुभव , एक अलग ही पूर्णता का अनुभव करने के लिए मैं आपको बताऊंगा कुछ नियम जो आपको फॉलो करने हैं लगातार सात दिन कम से कम और आप सात दिनों बाद स्वयं एक अलग बदलाव अनुभव करने के साक्षी होंगे | 
### क्या खाएं क्यों खायें कैसे खायें | हम में से कई लोगो को यह परेशानी रहती है कि  वजन बैलेंस नहीं रहता , शरीर में ऊर्जा की कमी का अनुभव होता है और जब भी मौसम बदलते है तब तबियत अक्सर ख़राब हो जाती है | ऐसे ही कई परेशानिया हैं जो हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन गयी हैं | 
कैसा रहे अगर हमारा शरीर स्वयं अपने आप को संतुलित रखे ? यकीन मानिये हमारा शरीर खुद में सक्षम है अपने आप को स्वस्थ रखने में | फिर ऐसा क्या हुआ की हम सभी को किसी न किसी तरह की स्वस्थ्य सम्बन्धी परेशानी रहती है | इसका कारण हमारा खान - पान और खाने से प्राप्त पोषक तत्वों का शरीर तक न पहुंचना है | हम अपनी इस समस्या का समाधान स्वयं कर सकते हैं | 
# क्या करके क्यों करके कैसे करके ???
 मैं  आपको अपने ब्लॉग पर स्टेप बाये  स्टेप बताऊंगा कि कैसे आप सब चीजों को बैलेंस करोगे | मैं आपको बताऊंगा क्या खाना है और कैसे पचाना है जिससे खाये हुए भोजन के पोषक तत्त्व आपके शरीर को मिल सके |
# 7 दिन में एक टॉपिक के बारें में मैं लिखूंगा और आप उसे फॉलो करके 7 दिन के बाद अपने शरीर में स्वयं परिवर्तन होता अनुभव करेंगे  

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