पोषक तत्त्व क्या हैं ?

पोषक तत्त्व हमारे शरीर के विकास में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं | ये हमारे शरीर की वृद्धि , उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता तथा हमारे मानसिक विकास के लिए बहुत जरुरी तत्त्व हैं |  यह हमारा शरीर स्वयं पैदा नहीं कर सकता इनके लिए हमें भोजन की आवश्यकता पड़ती है | 

पोषक तत्त्व मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं :-

 १. वृहत या दीर्घ पोषक तत्त्व ( मैक्रो नुट्रिएंट्स ). 

२. सूक्ष्म या लघु पोषक तत्त्व  ( माइक्रो नुट्रिएंट्स )

 वृहत पोषक तत्त्व तीन प्रकार के होते हैं :- कार्बोहाइड्रेट्स , प्रोटीन और वसा | 

     कार्बोहाइड्रेट् :- कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर की ४५ से ६५ प्रतिशत ऊर्जा का स्त्रोत हैं | ये हमारे शरीर को काम करने के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं | ये ऊर्जा के सबसे तेज़ स्त्रोत हैं इसीलिए इन्हे इंस्टेंट एनर्जी स्त्रोत भी कहते हैं | कार्बोहायड्रेट के स्त्रोत दूध , दही , हरी पत्तेदार सब्जियां , आलू , शकरकंदी , मिक्स अनाज की रोटी , चावल , चने आदि | 

     प्रोटीन :- प्रोटीन सेल्स की बढ़ोतरी में आवश्यक होता है तथा शरीर की मरम्मत का काम भी करता है | यह मासपेशियां बढ़ने में महत्वपूर्ण रोल प्ले करता है | शरीर की चलन प्रक्रिया और लचीलापन प्रोटीन के कारण ही होता है | प्रोटीन के मुख्य स्त्रोत मूंगफली , सोयाबीन , सभी दालें , पनीर , दूध , दही , मटर  आदि| प्रोटीन के लिए मैं पसंद करता हूँ पीनट बटर, सोयाबीन की दाल , सोयाबीन की बड़ियां और पनीर | 

      वसा :- वसा एक तरह का फैट होता है | यह हमारे शरीर में खनिज और विटामिन्स के अवशोषण में सहायता करता है , खून का थक्का बनाने में मदद करता है , सेल्स बनाने में तथा मांसपेशियों के मूवमेंट में भी हेल्प करता है | गुड फैट असंतृप्त वसा अम्ल को कहते हैं जो कि ओमेगा ३ और ओमेगा ६ फैटी एसिड्स होते हैं जो मुख्यतः अखरोट और सूरजमुखी तेल से मिलते हैं | बुरे वसा अम्ल संतृप्त  वसा अम्लों को कहते हैं इनका मुख्य  काम शरीर के तापमान को नियंत्रित करना तथा बाहरी आघातों से शरीर की रक्षा करना है | इसके स्त्रोत मक्खन , देसी घी , तेल , रिफाइंड   वनस्पति घी हैं और सभी तरह के ड्राई फ्रूट्स हैं | 

सूक्ष्म या लघु पोषक तत्त्व  ( माइक्रो नुट्रिएंट्स ) :- यह भी तीन प्रकार के होते हैं 

     विटामिन्स :- विटामिन्स कुल तेराह प्रकार के होते हैं जो शरीर में अलग - अलग काम करते हैं | विटामिन्स का काम शरीर को बिमारियों से बचाये रखना है | इसके अलावा कुछ विटामिन्स जैसे  ' के ' रक्त का थक्का बनाने में , ' डी ' हड्डियां मजबूत करने में और विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने का काम करता है विटामिन्स की कमी शरीर के लिए घातक हो सकती है | इसके लिए रोज ताजे फल और सलाद खाने चाहिए जिससे आपके शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट्स बनेंगे तथा रोगो से लड़ने की शक्ति भी बढ़ेगी | फल आप मौसम के हिसाब से खाएं और खट्टे फल रोज खाएं जैसे आंबला , नींबू , मौसमी और टमाटर आदि | 

     खनिज तत्त्व :- खनिज भी विटामिन्स की तरह बिमारियों को दूर रखने में सहायता करते हैं | ये शरीर की उपापचयी क्रियाओं (मेटाबोलिक फंक्शंस ) को ठीक रखते हैं तथा पाचन क्रिया में भी सहायता करते हैं | जैसे कैल्शियम हड्डियों को मजबूत करता है विटामिन ' डी ' की सहायता से , आयरन हीमोग्लोबिन बनाता है विटामिन सी की सहायता से , कैल्शियम और विटामिन ' के 'मिलकर रक्त का थक्का बनाते हैं | आपको खनिज की कमी पूरी करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां और फल खाने चाहिए जैसे आयरन के लिए पालक और आंबला , कैल्शियम के लिए बीन्स ड्राई नट्स , दूध के प्रोडक्ट और फल सब्जियां | 

     जल :- हमारे शरीर का ६० से ७० प्रतिशत भाग जल होता है | यह हमारे शरीर को हाइड्रेट रखता है , पोषक तत्वों को शरीर के सभी भागों के सेल्स तक पहुँचता है , बाहरी आघातों को अवशोषित करता है , लुब्रिकेशन करता है तथा अपशिष्ट पदार्थो को शरीर से बाहर करता है हमें रोज ४ से ५ लीटर जल अवश्य पीना चाहिए | जल की कमी को पूरा करने के लिए आप पानी वाले फल और सब्जियां भी खा सकते हैं जैसे खीरा , मौसमी , टमाटर , नारियल आदि |

Comments

  1. आपको किसी भी तरह की शंका हो तो कमैंट्स में लिख दिया करें मैं रिप्लाई अवश्य करूँगा | जॉब की वजह से थोड़ा देरी हो सकती है परन्तु उत्तर अवश्य मिलेगा | धन्यवाद

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  2. आप सभी को अमरजीत सिंह जम्वाल की तरफ से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं | आशा करता हूँ सभी की दीपावली परिवार के साथ हँसते खेलते बीते और भगवान आपके घर में सुख - समृद्धि दे |

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